img1
Environment
Conservation Journal

"An International Journal Devoted to Conservation of Environment"

(A PEER REVIEWED/REFEREED JOURNAL)

ISSN: 2278-5124 (Online) :: ISSN: 0972-3099 (Print)

img2
Environment
Conservation Journal

"An International Journal Devoted to Conservation of Environment"

(A PEER REVIEWED/REFEREED JOURNAL)

ISSN: 2278-5124 (Online) :: ISSN: 0972-3099 (Print)

img3
Environment
Conservation Journal

"An International Journal Devoted to Conservation of Environment"

(A PEER REVIEWED/REFEREED JOURNAL)

ISSN: 2278-5124 (Online) :: ISSN: 0972-3099 (Print)

img4
Environment
Conservation Journal

"An International Journal Devoted to Conservation of Environment"

(A PEER REVIEWED/REFEREED JOURNAL)

ISSN: 2278-5124 (Online) :: ISSN: 0972-3099 (Print)

img5
Environment
Conservation Journal

"An International Journal Devoted to Conservation of Environment"

(A PEER REVIEWED/REFEREED JOURNAL)

ISSN: 2278-5124 (Online) :: ISSN: 0972-3099 (Print)

previous arrow
next arrow

प्रदूषित वातावरण में चयनित योगाभ्यासों का मानव शरीर पर सकारात्मक प्रभाव

कुमार देवेंद्र एवं बोरा मंजू

हिमालयन गढवाल विश्वविद्यालय, उत्तराखण्ड

Abstract

आधुनिक जीवन षैली में जिस प्रकार मानव बाहरी प्रदूषण कारणों जैसे कारकों फैैक्ट्री, कारखाने, वाहनों के प्रयोग आदि से अत्याधिक ईंधन उत्सर्जन आदि के कारण प्रदूशित वातावरण में रहने को बाध्य है, उसी प्रकार घर के अन्दर ही हमारी जीवन शैली एक नए तरह के प्रदूषण के प्रभावी में आ चुकी हंे आज नई तकनीक के समय में इन उपकरणों जैसे मोबाईल, लैपटाॅप, माईको्रवेव, फ्रिज, एयर कंडी़षन आदि के बिना जीवन की कल्पना करना असंभव है। वर्तमान में वायु में विद्यामन इन प्रदूषित कणों का तथा विद्युत चुम्बकीय विकिरणों का कोई सषक्त समाधान नहीं हुआ है। ऐसे योग का अभ्यास जोकि मानव के शारीरिक , मानसिक एवम् आध्यात्मिक परिश्करण का उत्तम साधन माना जा रहा है, कुछ विशेष योगाभ्यास प्रदूशित वातावरण में भी मनुष्य को स्वस्थ, निरोग तथा नव ऊर्जा देने में लाभकारी सिद्ध हो सकते है, उन योगाभ्यासों में मुख्तः चयनित शट्कर्म, सूर्य नमस्कार , उद्गीत प्राणायाम (औंकार जप) है। शट्कर्म शरीर में उत्पन्न त्रिदोशों -वात , पित, कफ को सन्तुलित करते है। शरीरिक एवम् मानसिक शुद्धि एवम् सन्तुलन का एकमात्र उपाय शट्कर्म ही है। वस्त्र धौति के द्वारा शरीर के हृदय प्रदेश (आमाशय) की सफाई होती है। वमन धौति के द्वारा मुख नली से आमाशय तक की सफज्ञई होती है। शंख प्रक्षालन क्रिया द्वारा पूरे शरीर के विशाक्त तत्व निकाल दिए जाते ह। सूर्य नमस्कार एक सम्पूर्ण अभ्यास माना जाता है। जो शरीर में जीवन शक्ति प्रदायक अभ्यास के रूप में विख्यात है। इस अभ्यास से शरीर में क्रियाशीलता, शक्ति और ऊर्जा तैयार संचार होता है। माईग्रेन, डिप्रैशन आदि व्याधि को मिटाने का कार्य करता है।

प्रदूषण, शट्कर्म, सूर्य नमस्कार, औकार जप

आसन प्राणायाम मुद्र बंध, योग पब्लिकेशन ट्रस्ट, मुंगेर, बिहार (2006)   ISBN 81.85787.52.2

हठप्रदीपीका, कैवल्यधाम श्रीमन्माधव योगमन्दिर समिति, लोनावाला (पूणे) महाराष्ट्र,  ISBN 8189485.12.1

घेरण्ड सहिंता, योग पब्लिेकशन ट्रस्ट, मंुगेर, बिहार (2011),  ISBN .978.81.86336.35.9

मनोज श्रीवास्तव 2010, पर्यावरण प्रदूषण के खतरे, ग्लोबल ग्रीन्स,

जीतेन्द्र चैधरी, बी0 एल0 प्रसाद 2013 पर्यावरण अध्ययन

दामोदर शर्मा 1995, हमारा पर्यावरण

व्यास हरिचन्द्र, मानव और पर्यावरण, अराधना आॅफसेट, जयपुर राधाप्रैस

Kelkar, H. and Et, Al. 2019. Association of Air Pollution and Lung Function of Young, Adult Females in ew Delhi, J Health Pollut.

Cindy L. Russell. 2018. 5G Wireless telecommunications expansion: Public Health and Environmental Implication, Environ Res. (PUBMED)

Kumar, S., Bhati, K. and Singh, L. “Assessment of the efficacy of  Surya Namaskar in Management of Sthaulya”, World Journal of Pharmacy and Pharmaceutical Sciences

Gurjar, A.A. Ladhake, Sidharth, A. and Thakare, Ajay P. 2009. Analysis of Acoustic of “OM” Chanting to Study on Nervous System”, International Journal of Computer Science and Network Security, 9(1):

कुमार देवेन्द्र, बोरा मन्जु (2019). प्रदूषित वातावरण में चयनित योगाभ्यासों का मानव शरीर पर सकारात्मक प्रभावी Environment Conservation Journal20(SE), 133-134.

https://doi.org/10.36953/ECJ.2019.SE02025

Received: 04.10.2019

Revised: 14.10.2019

Accepted: 29.10.2019

First Online: 13.12. 2019

:https://doi.org/10.36953/ECJ.2019.SE02025

MANUSCRIPT STATISTICS

Publisher Name:  Action for Sustainable Efficacious Development and Awareness (ASEA)

Print : 0972-3099           

Online :2278-5124